नयी दिल्ली,कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बकाया रोकने पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि भुगतान रोककर वह न सिर्फ राज्यों की अर्थव्यवस्था को तबाह कर रही है बल्कि जनता के साथ धोखा भी कर रही है।
श्रीमती गांधी ने जीएसटी परिषद की बैठक से एक दिन पहले बुधवार को सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करते हुए कहा कि जीएसटी बकाया का भुगतान नहीं कर केंद्र सरकार राज्यों की अर्थव्यवस्था को संकट में डाल रही है। उनका कहना था कि राज्यो ने देशहित में केंद्र सरकार के साथ मिलकर जीएसटी का प्रावधान किया था लेकिन केंद्र इसके तहत की गई व्यवस्था का पालन नही कर रहा है जिससे राज्यो में आर्थिक संकट पैदा हो गया है।
उन्होंने कहा कि उन्हें मिली एक सूचना के अनुसार 11 अगस्त को वित्त मंत्रालय से संबद्ध संसद की स्थाई समिति की बैठक में केंद्रीय वित्त सचिव ने कथित रूप से कहा है कि केंद्र सरकार जीएसटी के तहत चालू वित्त वर्ष में 14 प्रतिशत के अनिवार्य भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि मोदी सरकार राज्यों के हक को नकार रही है और प्रदेश सरकारों के साथ ही देश की जनता से धोखा कर रही है।
श्रीमती गांधी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के साथ मजदूरों के साथ और बेरोजगारों के साथ अन्याय कर रही है और अब वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति लेकर आई है जो प्रगति, धरनिर्पेक्षता तथा वैज्ञानिक मूल्यों के प्रति बहुत बड़ा धक्का है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार हर वर्ग के साथ अन्याय करने के साथ ही पर्यावरण से भी खिलवाड़ कर रही है। पर्यावण को लेकर सरकार की ईआईए2020 अधिसूचना के खिलाफ पूरे देश में हो हल्ला मचा हुआ है क्योंकि यह प्रावधान लाकर सरकार देश के पर्यावरण को तबाह करना चाहती है और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं।