लखनऊ, जाति है कि जाती नही । जन्म लेने से लेकर मौत तक जाति पीछा नही छोड़ती है।
उत्तर प्रदेश में जातिवाद किस कदर फैला है, इसकी कल्पना नही की जा सकती है। एक दलित महिला की मौत के बाद श्मशान में अंतिम संस्कार के वक्त कुछ दबंगों ने शव को चिता से हटवा दिया और कहा कि दलित यहां अंतिम संस्कार नहीं कर सकते। पीड़ित परिवार ने डर कर पुलिस में रिपोर्ट तक नहीं की और दूसरे स्थान पर जाकर अंतिम संस्कार किया।
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में जाति को लेकर भेदभाव की शर्मनाक घटना सामने आई है। जिले की अछनेरा तहसील के रायभा गांव में एक दलित महिला की मौत हो गई। महिला का जब अंतिम संस्कार किया जा रहा था, तब गांव के उच्च जाति के लोगों ने कथित तौर पर शव को चिता से उतरवा दिया।
दलित महिला की बीमारी से मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने गांव के श्मशान घाट पर उसकी चिता सजाई। मृत महिला का 6 साल का मासूम बच्चा अपने दादा के साथ हाथ में आग लेकर अपनी मां की चिता का चक्कर लगा रहा था और उन्हें मुखाग्नि दे रहा था।जैसे ही चिता को अग्नि दी गई, गांव के उच्च जाति के लोगों ने आकर उन्हें रोक दिया। दबंगों ने रहम खाए बिना बेटे के हाथ से आग छीन ली और चिता को जलने से रोक दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने शव को चिता से उतरवा दिया।
पीड़ित परिवार ने इसे अपनी किस्मत समझकर पुलिस में रिपोर्ट तक नहीं की और दूसरे श्मशान में जाकर अंतिम संस्कार किया। यह घटना 20 जुलाई की है, इस घटना के हफ्ते भर बाद जब मामला मीडिया मे उछला तब पुलिस सक्रिय हुई है।
सूत्रों के अनुसार, मामला मीडिया में उछलने के बाद, एसएसपी बबलू कुमार ने आनन फानन मे उक्त प्रकरण की जांच सीओ अछनेरा को सौंप कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली। इस जातिवादी घृणित मामले मे अब तक न तो किसी की गिरफ्तारी हुई न किसी पर कोई कार्रवाही। जबकि इस शर्मनाक घटना पर सख्त एक्शन लेते हुये, दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए, ताकि प्रदेश में ऐसी घटना की फिर से पुनरावृति ना हो सके।