नई दिल्ली, महिला टी-20 वर्ल्ड कप के पहले मुकाबले में पूनम यादव की शानदार गेंदबाजी की बदौलत टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 17 रन से हरा दिया.
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की लेग स्पिनर पूनम यादव की शानदार गेंदबाजी की बदौलत टीम इंडिया आसानी से मुकाबला जीत गई.
पूनम यादव ने 19 रन देकर चार विकेट लिये.
विश्व कप की पहली जीत में पूनम ने अहम भूमिका निभाई है. मैच के बाद उन्होंने कहा कि यह तीसरी बार है जब वह हैट्रिक से चूकीं हैं।
पूनम यादव की मां बताती हैं कि पूनम ने उनसे कहा था कि मां जुनून से ही जग जीता जा सकता है। इसलिए मुझे खेलने दें।
पूनम ने 5 अप्रैल 2013 को बांग्लादेश के खिलाफ महिला टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में डेब्यू किया था।
डेब्यू मैच में ही पूनम ने शानदार प्रदर्शन किया था। उस मैच पूनम ने चार ओवर में 21 रन देकर तीन विकेट झटके थे।
पूनम यादव का जन्म आगरा में हुआ था।
पूनम ने अपनी माता-पिता की प्रेरणा से क्रिकेट जगत में नाम रोशन किया है।
उनके पिता रघुवीर सिंह सेना से सेवानिवृत्त और उनकी मां मुन्नी देवी हाउसवाइफ हैं।
खेल दिवस पर उन्हें राष्ट्रपति ने अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया था। पूनम अर्जुन अवार्ड पाने वाली देश की 54वीं क्रिकेटर हैं।
पूनम यादव को खेल के शुरुआती सफर में एक बड़ी रुकावट का सामना करना पड़ा था।
सन 2009 का है जब लड़कों के साथ प्रैक्टिस करने की शिकायत पर वह दो-तीन दिन तक मैदान में नहीं जा सकी थीं।
लेकिन उनकी मां समझ चुकी थीं कि पूनम में क्रिकेट का जुनून है।
इसके बाद पूनम के भाई को उन्हें मैदान में लेकर जाने की जिम्मेदारी दी गई।
बहन जहां हर रोज मैदान में घंटों अभ्यास करती थी, उस समय तक उनका भाई मैदान में ही रहता था।
पूनम की मां मुन्नी देवी बताती हैं कि दो-तीन दिन जब पूनम प्रैक्टिस के लिए नहीं जा सकी, तो घर में ही गेंदबाजी का एक्शन करती रहती थीं।
उनके पिता रघुवीर सिंह ने भी साफ कर दिया था कि कोई कुछ भी कहे, बेटी को खेलने दो, आगे बढ़ने दो।
मुन्नी देवी बताती हैं कि पूनम ने उनसे कहा था कि मां जुनून से ही जग जीता जा सकता है। इसलिए मुझे खेलने दें।